फिर से जीतने के लिए ट्रंप ने खड़ी की देसी फौज, पिछले चुनाव में सिर्फ 16% भारतीयों का मिला साथ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी से दो दिन के लिए भारत के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वह करीब तीन घंटे के कार्यक्रम के लिए अहमदाबाद भी जाएंगे। ट्रंप ने दोबारा अमेरिका जीतने के लिए देसी फौज खड़ी की है। भारत यात्रा के लिए ट्रंप की टीम में भारतीय मूल के 10 दिग्गज लोगों को शामिल किया गया है। 
 


 

भारतीयों को अपनी टीम में शामिल कर ट्रंप की अमेरिकी में रह रहे भारतीय प्रवासियों को रुझाने की कोशिश है। अगर ट्रंप की यह रणनीति कामयाब होती है तो अमेरिका के 20 फीसदी भारतीय मतदाताओं का वोट ट्रंप को जा सकता है। जिससे ट्रंप को बड़ा फायदा होगा। 

ट्रंप की टीम में यह भारतीय शामिल


ट्रंप के भारतीय दौरे की टीम में परमाणु ऊर्जा विभाग की उपमंत्री रीता बरनवाल, एशियाई अमेरिकी पैसिफिक आईलैंडर्स सलाहकार आयोग के सदस्य प्रेम परमेश्वरन, ट्रेजरी ऑफ फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस के उपमंत्री विमल पटेल, ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एंड बिजनेस अफेयर्स के उपमंत्री मनीषा सिंह, फेडरल कम्यूनिकेशंस कमिशन के चेयरमैन अजित पाई, सेंटर फॉर मेडिकेयर एंड मेडिकएड सर्विसेज की प्रशासक सीमा वर्मा, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में काम करने वाले ट्रंप के अहम सलाहकार काश पटेल, मेंटल हेल्थ सर्विसेज नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के साथ जुड़े संपत शिवांगी शामिल हैं।



पिछले चुनाव में सिर्फ 16% भारतीयों का मिला साथ


2016 में अमेरिकी चुनाव के बाद हुए एक सर्वे में कहा गया था कि सिर्फ 16 फीसदी भारतीयों ने ट्रंप को वोट दी थी। नेशनल एशियन अमेरिकन सर्वे में पाया गया था कि 77 फीसदी भारतीय अमेरिकियों ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को वोट दिया था, और सिर्फ 16 प्रतिशत ने ही ट्रंप को वोट दिया था।

यह है भारतीयों का साथ ना मिलने की वजह


यूएस-इंडिया पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के चैयरमैन संजय पुरी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के परंपरागत नेता नहीं माने जाते हैं। इसीलिए पार्टी के साथ खड़े भारतीय मूल के लोगों के लिए भी उनके समर्थन को लेकर पूरा भरोसा नहीं बन पाता है। वहीं ट्रंप के स्वाभाव की अस्थिरता से भी उनकी पार्टी में भी कई बार असमंजस की हालत बनी रहती है।

भारतीय प्रवासियों को लुभाने का सुनहरा अवसर


टीम का मानना है कि ट्रंप के पास प्रवासी भारतीय समुदाय के मतदाताओं को सीधे और बेहतर तरीके से अपना संदेश देने का सुनहरा अवसर है। इसीलिए ट्रंप की कोशिश है कि वो भारतीय मूल के उन लोगों को लुभा सकें जो अमेरिका में आम तौर पर डेमोक्रेट्स के साथ खड़े नजर आते हैं।





20 फीसदी मतदाताओं पर पड़ सकता है असर


अमेरिका में काम कर रही इमेजिन इंडिया इंस्टिट्यूट के अध्यक्ष रॉबिंदर एन सचदेव का मानना है कि ट्रंप के भारतीय दौरे के बाद भारतीय मूल के 20 फीसदी मतदाताओं पर इसका असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ट्रंप की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती और ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में उनके शामिल होने के बाद उनके पहले भारतीय दौरे से माना रहा है कि अमेरिका के 20 फीसदी भारतीय मतदाताओं का साथ उन्हें मिल सकता है।

राष्ट्रपति और पीएम का संयुक्त कार्यक्रम बेमिसाल


ओहियो हाउस के एक राज्य प्रतिनिधि और राज्य में चुने गए पहले भारतीय अमेरिकी नीरज अंबानी ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के लिए अमेरिका का दौरा करना और राष्ट्रपति के साथ एक संयुक्त कार्यक्रम करना, इसके ठीक पांच महीने बाद राष्ट्रपति का भारत आना और पीएम मोदी के साथ एक संयुक्त कार्यक्रम करना बेमिसाल है। यह निश्चित रूप से दोनों देशों और भारतीय अमेरिकियों के बीच संबंधों के लिए एक नई ऊंचाई है।

ट्रंप के स्वागत के लिए अहमदाबाद पूरी तरह तैयार


डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा का दौरा करेंगे। ट्रंप के स्वागत के लिए अहमदाबाद पूरी तरह से तैयार है। अहमदाबाद में डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा में लोगों को संबोधित करेंगे। अहमदाबाद में होने वाले कार्यक्रम का नाम बदलकर ‘केम छो ट्रंप’ की जगह ‘नमस्ते ट्रंप’ कर दिया गया है। इसके अलावा एयरपोर्ट से स्टेडियम तक दोनों रोड शो करेंगे।